दुनियाकी एक खास मछली के अंडों की कीमत सुनकर आप हैरान हो सकते हैं. 1 आउंस यानी 30 ग्राम अंडों की कीमत साढ़े तीन से 5 हज़ार रुपये से भी ज़्यादा होती है. दुनिया में सबसे महंगे बिकने वाले इन अंडों को कैवियार नाम से जाना जाता है. कैवियार अंडों से बनने वाले स्वादिष्ट भोजन को शाही पकवान कहा जाता रहा क्योंकि ये पहले और भी ज़्यादा महंगे हुआ करते थे. रोमन बादशाहों, प्राचीन यूनानी राजाओं और रूस के ज़ारों के ज़माने से ये बेहद खास है और शाही पकवानों में शामिल रहा है. लेकिन क्या है इन अंडों की खासियत कि ये इतने महंगे हैं? और ये भी जानिए कि अब इन अंडों के उत्पादन का क्या हाल है.
स्टर्जियन नाम की समुद्री मछली की प्रजाति से ये अंडे मिलते हैं. इस मछली की कुछ प्रजातियां होती हैं और इन्हीं के आधार पर रॉयल कैवियार, इंपीरियल कलुगा कैवियार जैसे ब्रांड्स के तहत बेचा जाता है. समुद्री सीमा से लगे समृद्ध देशों का पकवान रहे कैवियार अंडे पिछले कुछ समय से भारत में भी उपलब्ध हैं.
इन अंडों की क्या खूबियां हैं?
अगर इन्हें फ्रीज़र में ठीक तरह से स्टोर किया जाए तो ये एक महीने तक सेवन योग्य रहते हैं. ये अंडे शराब की तरह माने जाते हैं क्योंकि ये जितने ज़्यादा वक्त से स्टोर हों, उतने ही स्वादिष्ट और ज़्यादा गुण वाले होते हैं. इसी वजह से इनकी कीमतें भी बढ़ती हैं.
कैवियार से बनने वाली एक डिश.
कहावत मशहूर रही है ‘अब तो हंसो, तुम्हें कैवियार तो मिल गए’. इसकी वजह ये है कि इन अंडों में ओमेगा 3 फैटी एसिड भरपूर होता है, इसलिए इससे डिप्रेशन और अन्य डिसॉर्डर में लाभ मिलता है. ये भी माना जाता है कि कैवियार में वाएग्रा जैसे गुण होते हैं. पुराने ज़माने में मर्दानगी के लिए इसका इस्तेमाल किए जाने का लिटरेचर मिलता है.
ईरान की बेलुगा स्टर्जियन मछली से प्राप्त अलमास कैवियार को 60 से 100 साल तक संरक्षित किया गया तो इसकी कीमत 24 लाख 27 हज़ार रुपये प्रति किलो से ज़्यादा थी. गौरतलब है कि 2005 से अमेरिका में बेलुगा कैवियार गैर कानूनी घोषित है, क्योंकि ये मछली विलुप्त होने की कगार पर होने के कारण संरक्षित सूची में थी.