ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को कहा कि गृह मंत्री अमित शाह का जम्मू कश्मीर के संदर्भ में यह कहना कि पाबंदियां केवल लोगों के दिमाग में है, इत्यादि…इत्यादि सही नहीं है, क्योंकि माकपा नेता सीता राम येचुरी और अन्य को वहां जाने के लिए उच्चतम न्यायालय से गुहार लगानी पड़ी।
वहां मोबाइल सेवाएं अब भी बहाल नहीं हुई हैं। ओवैसी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी को अपने राज्य जाने के लिए उच्चतम न्यायालय से अनुमति लेनी पड़ी। इसी प्रकार माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी को अपने पार्टी के बीमार विधायक को देखने जाने के लिए भी उच्चतम न्यायालय जाना पड़ा। उन्होंने कहा,‘‘तो वह (शाह) जो भी कुछ भी कह रहे हैं,सच्चाई बयां नहीं कर रहे हैं।” साथ ही कहा,‘‘ शाह ने संसद में यह कह कर गलत किया कि फारूक अब्दुल्ला स्वतंत्र हैं…बाद में उन्हें पीएसए के तहत हिरासत में ले लिया गया।”